गर्भपात के बाद माहवारी (पीरियड्स) वापिस कब शुरू होगी? क्या गर्भपात के बाद कमज़ोरी आ सकती है? किन बातों का ध्यान रखना है, क्या देखभाल ज़रूरी हैं? यह वो सामान्य सवाल हैं जो गर्भपात के बाद की प्रक्रिया से जुड़े हैं। इन सभी सवालों के जवाबों से पहले हमें यह याद रखना है कि कई बार यह सारे अनुभव सभी के लिए समान हो ज़रूरी नहीं। यह सभी के लिए अलग-अलग हो सकते हैं।
माहवारी (पीरियड्स) वापिस कब शुरू होंगे?
सबसे पहले एक ज़रूरी अंतर ध्यान में रखें। अगर गर्भपात के बाद आपको रक्तस्राव (ब्लीडिंग) होता है तो वो रक्तस्राव माहवारी नहीं है। जिसके बारे में आप और अधिक नीचे पढ़ेंगे।
सामान्यतः गर्भपात के 4-8 हफ़्तों के बाद तक माहवारी वापिस शुरू हो सकती है। इस समय हुए हार्मोनल उतार-चढ़ाव माहवारी चक्र को प्रभावित कर सकते हैं। अगर आपने गर्भपात के समय या उस दौरान कोई गर्भनिरोधक शुरू किया था तो यह भी आपके माहवारी के चक्र को प्रभवित कर सकता है।
यह भी हो सकता है कि इस समय सामान्य ख़ून के थक्के यानि ब्लड क्लॉटिंग अधिक निकलें। अगर आप अपनी पहली कुछ माहवारी में रक्तस्राव थोड़ा ज्यादा होना या अधिक समय तक होना नोटिस कर रही हैं तो यह भी सामान्य हो सकता है।
दरअसल, गर्भपात माहवारी के चक्र को फिर से शुरू करने में एक हम भूमिका निभाता है, इसलिए ओव्यूलेशन यानि डिंबोत्सर्जन बिना कोई भी संकेत दिए शुरू हो सकता है। जिसका मतलब यह भी है कि गर्भपात के बाद भी असुरक्षित सेक्स से आपके गर्भवती होने के चान्सेस दोबारा कभी भी बन सकते हैं।
अगर आपकी माहवारी गर्भपात के 8 सप्ताह बाद भी शुरू नहीं होती है या 3 महीने का समय गुज़र जाने के बाद भी माहवारी का चक्र सामान्य नहीं होता है तो आपको एक पंजीकृत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
गर्भपात के बाद कमज़ोरी
गर्भपात के बाद रक्त के थक्कों के साथ होने वाला रक्तस्राव महिलाओं को असहज महसूस करा सकता है। माहवारी के समय होने वाली जैसी ऐंठन जो कभी-कभी बहुत ज़्यादा भी हो सकती है, स्तनों की सूजन, गर्भपात से जुड़े भाव या मूड़ स्विंग्स जिसके लिए सामान्यतः प्रेगनेंसी वाले हॉर्मोन् स भी ज़िम्मेदार हो सकते हैं। यह सभी बातें गर्भपात के बाद के दिनों में, आपको थोड़ा अस्वस्थ, थका हुआ या कई बार हल्का बुखार भी महसूस करवा सकते हैं। असल में गर्भपात के बाद आपके शरीर को पूरी तरह से ठीक होने के लिए कुछ समय चाहिए होता है।
गर्भपात के बाद किन बातों का ध्यान रखना है, क्या देखभाल ज़रूरी हैं:
किन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है-चलिए इस पर पहले बात कर लेते हैं। अगर आपको गर्भपात की प्रक्रिया के लिए कोई बेहोश करने की दवाई (सेडेशन) दी जाने वाली है तो इसका प्रभाव आप पर कुछ समय तक रह सकता है। घर तक वापिस जाने में कोई आपके साथ हो तो बेहतर है। इसलिए अच्छा विकल्प यह होगा कि आप अपने साथ किसी दोस्त, साथी, रिश्तेदार या सहकर्मी को लेकर जाने पर विचार करें।
आमतौर पर, गर्भपात बेहद सुरक्षित होते हैं, इनसे किसी तरह की जटिल स्थिति नहीं बनती है और ज्यादातर महिलाएं जल्दी ठीक भी हो जाती हैं। फिर भी, गर्भापत के बाद के शुरुआती दिनों में संक्रमण का खतरा अधिक हो सकता है। इसलिए विशेषज्ञ यह सलाह देते हैं कि अगर आप टेम्पोन का इस्तेमाल करती हैं तो फिलहाल के लिए सैनिटरी पैड का इस्तेमाल करें। यह संक्रमण से भी सुरक्षा देगा और कितना रक्तस्राव हो रहा है यह समझने में भी सहायता करेगा।
विशेषज्ञ यह भी कहते हैं कि शुरुआत के एक-दो हफ़्तों तक योनि प्रवेशित सेक्स न करना भी संक्रमण से सुरक्षा दे सकता है। और जैसा कि हमने पहले बात की, कि गर्भपात के बाद भी दोबारा गर्भ ठहरने की संभावना बन सकती है। इसलिए गर्भनिरोधक का इस्तेमाल ध्यान में रखें -जिसमें कंडोम का विकल्प सबसे आसान और संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करने का एक मात्र विकल्प है।
किस स्थिति में आपको डॉक्टर से संपर्क करना है?
अगर आपको लगातार रक्तस्राव 2 घंटे से अधिक समय तक रह रहा है और हर घंटे 2 सैनिटरी पैड आपको बदलने की ज़रूरत पड़ रही है। (इसका मतलब है क ि पैड पूरी तरह से आगे से पीछे, एक तरफ से दूसरी तरफ और पूरी तरह रक्त से भीग गया है)
लगातार चक्कर आ रहा, शरीर में खून की कमी का आभास हो रहा है, पेट में दर्द है या ऐंठन बहुत अधिक है, दवाइयों से भी राहत नहीं है और 100 से अधिक बुखार बना हुआ है। तो इन स्थितियों में आपको एक पंजीकृत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
इससे जुड़े चेतावनी भरे लक्षण क्या हैं, इनके बारे में आप यहाँ पढ़ सकती हैं।
क्या देखभाल ज़रूरी हैं
जैसा कि हमने पहले भी बात की गर्भपात के बाद शारीरिक थकावट हो सकती है। मन में भी मिश्रित भावनायें आना सामान्य है-जैसे एक राहत महसूस करना या फिर दुःखी होना। आपकी यह सभी भावनायें एक दम नार्मल है। इस बीच ख़ुद का बहुत ख्याल रखें। आप कैसा महसूस कर रही हैं यह अपने लोगों से साझा करने में झिझक महसूस न करें। अगर ज़रूरत महसूस हो तो एक प्रोफ़ेशनल काउंस लर से बात करने में भी न हिचकिचाएं।
अगर आप गर्भपात के बाद महसूस होने वाली भावनाओं से जुड़ी कोई सलाह या समर्थन चाहती तो हमें इस info@howtouseabortionpill.org ईमेल पर भी लिख सकती हैं।
आराम, यह वो शब्द है जो आपको गर्भपात के बाद याद रखना चाहिए। बेहतर है कि आप अच्छी नींद लें और बहुत आराम करें।
पौष्टिक आहार लें (जैसे क्रैकर या टोस्ट खाने से मतली कम होगी, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, अण्डे और लाल मांस खाने से गर्भपात के दौरान शरीर में हुए खनिजों की हानि की भरपाई की जा सकती है) एक संतुलित आहार जो आसानी से पच सके शरीर को जल्दी ठीक करने में बहुत मदद करता है।
खुद को हाइड्रेट रखें। तरल पदार्थों का सेवन करें-जिसमें पानी आपकी पहली प्राथमिकता पानी होना चाहिए। पानी आपको हाइड्रेट रखने और शरीर को जल्दी हील करने में मदद करेगा।
गर्म पानी की थैली जिसका इस्तेमाल आप माहवारी के दौरान करती हैं, इस समय भी इसका पेट और कमर पर इस्तेमाल आपके शरीर में हो रही ऐंठन से आपको राहत दे सकता है।
हल्के हाथ से पेट और कमर की मालिश करने से ऐंठन में मदद मिल सकती है, और यह गर्भाशय से टीशूज़ (ऊतकों) के निकलने की प्रक्रिया में भी मदद करेगा।
सलाह यह भी दी जाती है कि ऐसे काम जिनमें शरीर को ज्यादा मेहनत करनी पड़ रही हो जैसे कोई भार उठाना इत्यादि वो ना करें।
माहवारी को लेकर चितिंत न हों, हार्मोनल उतार-चढ़ाव के कारण आने वाली माहवारी अनिश्चित हो सकती है इसलिए घबराएं नहीं। तनाव-स्ट्रेस लेने से भी बचें यह भी माहवारी को प्रभावित कर सकता हैं।
अगर आपके डॉक्टर ने कुछ हफ्तों के बाद फ़ॉलोअप के लिए आने को कहा है तो फ़ॉलोअप के लिए जाएं ताकि वो यह निश्चित कर सकें कि गर्भपात सफल रहा या नहीं।
आप हमारी वेबसाइट की सामान्य सलाह (General Advice) सेक्शन में गोलियों की मदद से किए जाने वाले गर्भपात के प्रभावों के प्रबंधन के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकती हैं।
आपकी जानकारी के लिए- आप चाहें तो हमारे सुरक्षित गर्भपात सहायक से भी बात कर सकती हैं। जो हिंदी बोलते हैं, और इस टोल फ्री नंबर: +1 (833) 221-2559 पर हमारी साइट या व्हाट्सएप के माध्यम से चिकित्सा गर्भपात के बारे में जानकारी हासिल करने में लोगों की मदद करते हैं।
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